प्रत्येक सामाजिक इकाई किसी ना किसी सामाजिक संरचना के अंतर्गत की अस्तित्ववान होती है l सामाजिक संरचना के अंतर्गत अनेक प्रकार की सामाजिक आर्थिक राजनैतिक एवं धार्मिक संस्थाएं एवं संगठन सक्रिय रहकर समाज कल्याण के लिए कार्य करते रहते हैं l सामाजिक विकास की प्रतिक्रिया में नए नए संदर्भ एवं आवश्यकताओं को समाज के जागरूक लोग महसूस करते हुए तदानरूप नए संगठन और संस्थाओं को खड़ा किया करते हैं l यही कारण है की ग्राम स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अनेक प्रकार के जातीय संगठन भी हमारे सामने खड़े हैं l इन सभी की भूमिकाएं किसी न किसी प्रकार से व्यक्ति समाज एवं राष्ट्रीय खेतों के संरक्षण एवं संवर्धन से जुड़ी हुई है l जहां तक लोधी क्षत्रिय समाज का प्रश्न है, यह अपनी कर्मठता, संकल्पशीलता, परोपकार एवं क्या के लिए सारे विश्व में विशेष स्थान रखता है l महारानी वीरांगना अवंती बाई लोधी, परम पूज्य त्याग मूर्ति स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज एवं शहीद गुलाब सिंह लोधी के नाम भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में आज भी अंकित हैं l
जब इनकी की समाधि यो पर योग गुरु स्वामी रामदेव जी एवं भारत देश के प्रधानमंत्री सरीखे अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व श्रद्धावश मत्था देखते हैं, तब हमें लोधी जाति में पैदा होने पर गर्व का अहसास होता है साथ ही मानस मैं समाज और राष्ट्र के लिए कुछ कर गुजरने का भाव जागृत होता है l